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दुसरे तोरण के अलग किए गए विभिन्न भाग पहले तोरण के नजदीक रखे हुए।
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अंतत: जैन धर्म बना रहा और बौध धर्म लुप्त हो गया।यह...
**********ताना-रीरी की कहानी
दक्षिण-पूर्व से दिखता मन्दिर < पीछे ------- आगे >
पूर्व दिशा का द्वार < पीछे -------- आगे >
मन्दिर का पूर्वाभिमुख भाग < पीछे ------- आगे >
शिखर < पीछे ------- आगे >
बाहरी दीवार का एक कोना < पीछे ------- आगे >
समुद्रमंथन < पीछे ------- आगे >
विश्वकर्मा < पीछे ------- आगे >
बाहर की दीवार का एक हिस्सा < पीछे ------- आगे >
महाभारत का एक द्रश्य - वृक्ष पर से कौरवों को गिरात...
एक आकृति < पीछे ------- आगे >
गान्धर्व < पीछे ------- आगे >
विश्वकर्मा नर्तकियां के साथ < पीछे ------- आगे >
संध्या का समय < पीछे ------- वापस वडनगर >
स्तम्भ पर का बारीकी शिल्प< पूर्व ------------ अगला >
दुसरे तोरण का उपर का हिस्सा।< पूर्व ------------ अ...
पश्चिम की ओर से दृश्य। < पूर्व ----------------- अ...
पुन: जोड़ा गया दुसरा तोरण और उसके पीछे दिखता पहला त...
सन २००६ में पहले तोरण के पीछे पुन:निर्माणाधीन दुसर...
करीब एक सौ साल पहले दुसरा तोरण, जो कि दो तोरण में ...
तोरण के दाहिने स्तम्भ का बारीकी शिल्प। < पूर्व ---...
सन २००७ में दुसरा तोरण पुरी तरह पुन: जोड़ा गया। ध्य...
दुसरे तोरण के अलग किए गए विभिन्न भाग पहले तोरण के ...
उषाकाल में तोरण का द्रश्य स्वप्नलोक सी अनुभूति करा...